mangal dosh - An Overview
अरे अपने लिए खाने और रहने के लिए प्रबंध तो दुसरे सभी प्राणी – जीव जानवर भी करते ही हैं.
यहाँ हम आपको क्या समझाने का प्रयत्न कर रहे हैं सुनिए.
राहु ग्रह की अशुभता दूर करनी हो, तो भगवती काली की उपासना करें । राहु अशुभ हो तो अचानक शारीरिक कष्ट होता है । चांदी की चेन गले में पहनें, राहत मिलेगी । कुत्तों को रोटी अवश्य खिलाएं, गरीबों को सूज़ी का हलवा अपने हाथ से बांटें, राहू के वजह जो कष्ट समस्या मिल रहा था , वो दूर हो जायेगा ।
[297] The Strongest Purpose is presented on the participant whose target-scoring shot experienced the best ordinary velocity with the time it absolutely was struck to enough time it crossed the aim line, and essentially the most Improbable Comeback award is designed for the crew that, depending on calculations carried out by Oracle Corporation, goes behind and overcomes a deficit to win their respective match.[298]
अतः, इस कारण ईश्वर की खोज करना उचित ही है। वे सभी भक्त जो सच्चाई से उन्हें खोजते हैं वे उन्हें अवश्य प्राप्त करेंगे। जो ईश्वर को प्रेम करना चाहते हैं और उनके साम्राज्य में प्रवेश करने की लालसा रखते हैं, और जो सच्चे हृदय से उन्हें जानना चाहते हैं, वे उन्हें पा लेंगे। दिन और रात उनके लिए आपके मन में इच्छा सदा बढ़ती रहनी चाहिए। वे आपको दिए गए वचन को अनन्तता तक निभा कर आपके प्रेम का प्रत्युत्तर देंगे, और आप अन्तहीन आनन्द और सुख को जान जाएंगे। सब प्रकाश है, सब आनन्द है, सब शांति है, सब प्रेम है। वे ही सब कुछ हैं।
और तो सब कुछ छोडिये जिस परमात्मा ने हम सब को बनाया है, हमारे पास उन्ही के लिए वक़्त नहीं है. पैसा कमाने के नशे ने हमें अँधा बना दिया है.
सत्य यह है कि हमारे मन में संदेह का website भाव हो सकता हैं, और दूसरों पर भी संदेह रख सकते हैं। हम इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि क्या करें और क्या न करें?
मनुष्य पृथ्वी पर केवल ईश्वर को जानना सीखने के लिए आया है, वह किसी और कारण से यहाँ नहीं है। यही ईश्वर का सच्चा संदेश है। जो उन्हें खोजते हैं और उनसे प्रेम करते हैं, उन सबको वे उस महान् जीवन के विषय में बताते हैं जहाँ कोई पीड़ा नहीं है, कोई वृद्धावस्था नहीं है, कोई युद्ध नहीं है, कोई मृत्यु नहीं है—केवल शाश्वत आश्वासन है। उस जीवन में कुछ भी नष्ट नहीं होता। वहाँ केवल वर्णनातीत आनन्द है जो कभी फीका नहीं पड़ता—एक आनन्द जो नित्य-नवीन रहता है।
शास्त्रों में निहित सत्य ईसाई धर्म सिद्धांत
हमारा पूरा जीवन कब और कैसे होता है ये बात तो केवल भगवान् ही बता सकते हैं. पर इतना तय है की असली जीवन का अंत तो होता ही नहीं है.
फिर भी वह उस आनंद का वर्णन नहीं कर सकता जो आपको ईश-सम्पर्क में प्राप्त होगा।
In October 2024 it absolutely was reported that the government is intending to grant the impartial regulator authority to stop Premier League golf equipment from marketing their stadiums to affiliated or third-bash firms.[233]
मैं आपको सच्चाई से बताता हूँ कि मुझे सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं, मनुष्य के द्वारा नहीं, अपितु ईश्वर के द्वारा। वे हैं। वे हैं। यह उनकी चेतना है जो मेरे माध्यम से आपसे वार्त्तालाप करती है। यह उनका ही प्रेम है जिसके विषय में मैं बोलता हूँ। रोमांच पर रोमांच! मृदुल शीतल पवन की भाँति उनका प्रेम आत्मा में अनुभव होता है। दिन और रात, सप्ताह-प्रति-सप्ताह, वर्ष प्रति वर्ष, यह बढ़ता ही जाता है- आप नहीं जानते कि इसका अन्त कहाँ है। और आप में से प्रत्येक व्यक्ति इसी की खोज कर रहा है। आप सोचते हैं कि आपको मानवीय प्रेम और समृद्धि चाहिए, परन्तु इनके पीछे तो यह परमपिता ही हैं जो आपको पुकार रहे हैं। यदि आप अनुभव करें कि वे उनके सभी उपहारों से महान् हैं तो आप उन्हें प्राप्त कर लेंगे।
जीवन का उद्देश्य क्या है, यानी मकसद क्या है? हमें दौड़कर हासिल क्या करना है? ये बात इस दुनिया में पैदा हुए बस कुछ ही लोग समझ पाए हैं.